गुलाबी नगर की गुलाबी शाम और "नीरज" ..... ये शाम न ढले कभी ! कवि गोपालदास "नीरज"! ज्यादा नहीं कोई 4 साल हुए उनसे मिले हुए , होटल जयपुर पैलेस में । 16 फ़रवरी 2014 - ' कथा' की काव्यगोष्ठी: मीरां बाई का काव्य और आज का समय। प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह और हास्य कवि-लेखक अशोक चक्रधर एक दिन पहले ही आ चुके थे। अच्छा सुनना हमेशा अच्छा लगता है , मगर "नीरज" को सुनने की बात ही कुछ और है। ' कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे ' तो शायद अनवरत चलने वाली पंक्तियाँ हैं। इसके बिना उनका कोई काव्यपाठ पूरा नहीं होता। टाइपिस्ट , क्लर्की , अध्यापन के बाद काव्य लेखन तक की यात्रा करते हुए पद्मश्री और पद्मभूषण का सम्मान पाने वाले "नीरज" ने आधी सदी से ज्यादा काव्य-मंचों पर गुजारी है। आज 93 साल की उम्र में भी काव्य पाठ जारी है। सांस की तकलीफ और सीने में संक्रमण की वजह से वह 28 दिसंबर 2017 को लखनऊ के लोहिया मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। त ब कृत्रिम सांस दी जा रही थी। शाम में किसी समाचार माध्यम से खबर मिली थी मुझे। पता नहीं कल 4 जनवरी को उन...