सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जनवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गोपालदास "नीरज" हैं वो

गुलाबी नगर की गुलाबी शाम और "नीरज"  ..... ये शाम न ढले कभी  ! कवि गोपालदास "नीरज"! ज्यादा नहीं कोई 4 साल हुए उनसे मिले हुए , होटल जयपुर पैलेस में । 16 फ़रवरी 2014 - ' कथा' की काव्यगोष्ठी: मीरां बाई का काव्य और आज का समय। प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह और हास्य कवि-लेखक अशोक चक्रधर एक दिन पहले ही आ चुके थे।   अच्छा सुनना हमेशा अच्छा लगता है , मगर "नीरज" को सुनने की बात ही कुछ और है। ' कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे ' तो शायद अनवरत चलने वाली पंक्तियाँ हैं। इसके बिना उनका कोई काव्यपाठ पूरा नहीं होता। टाइपिस्ट , क्लर्की , अध्यापन के बाद काव्य लेखन तक की यात्रा करते हुए पद्मश्री और पद्मभूषण का सम्मान पाने वाले "नीरज" ने आधी सदी से ज्यादा काव्य-मंचों पर गुजारी है। आज 93 साल की उम्र में भी काव्य पाठ जारी है। सांस की तकलीफ और सीने में संक्रमण की वजह से वह 28 दिसंबर 2017 को लखनऊ के लोहिया मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे।  त ब  कृत्रिम सांस दी जा रही थी। शाम में किसी समाचार माध्यम से खबर मिली थी मुझे। पता नहीं कल 4 जनवरी को उन...

शख़्स जो मौसम का रंग बदल दे …. अरिजीत

फोटो मेरे कैमरे से ! और व्यक्तित्व मेरी नज़र में ... ! अरिजीत सिंह हरदिल अज़ीज़ गायक ! लेकिन उससे पहले एक शानदार शख़्सियत ! उसकी रूहानी आवाज़ यूँ ही नहीं निकलती। आवाज़ की गहराई उस मर्म से आती है जो उसे खुद रुला देती है अंदर ही अंदर। और सुकून पाने के लिए वो जो कुछ करता है वह उसके जीवन की साधना है। नेपाल के भूकंप के समय जो युवक ज़रुरत को छोटी - छोटी चीज़ें , कपड़े , माचिस और मोमबत्ती इकठ्ठी करके अपने एनजीओ ‘Let There Be Light’ के माध्यम से ख़ामोशी से सहायता करता रहा , उसे मीडिया भी नहीं देख पायी। जियागंज ( मुर्शीदाबाद , प . बंगाल ) का ये युवक कपड़ों , किताबों और ऐसी ही चीज़ों को संकलित करने और बांटने में जुटा रहता है। उसके एनजीओ में ' पैसे ' नहीं बल्कि उसकी तरह समय , सोच और दिल लगा कर काम करने वाले लोग ही जुड़ते हैं। अरिजीत बेहतरीन लेखक हैं और डाक्यूमेंट्री भी बनाते हैं। उन्होंने इस काम को एनजीओ के साथ जोड़ा है उसके लिए गीत भी तैयार...

Amazing Pipalantri - Chishti's book translated by me

A unique book on matchless work This is the New Year gift for me! Today I got the copy of book “Amazing Pipalantri” that I have translated in English. The writer himself came to my office to gift me all the way from Jodhpur. I am so fortunate that I had the opportunity to translate the Hindi book written by a great agriculture and environmental writer and my younger brother Moinuddin Chishti. The fragrance of soil in his writing can’t be translated in any language, but I have tried my best. This is a reporting based book, prepared by compilation of ground reports of the writer. The book is the result of his more than 450 visits to Pipalantri to be the eyewitness of recreation of Panchayat from beginning till today. Chishti is the only person who went into deep and carried out all the wonders of Ex-sarpanch Shyam Sundar Paliwal.  For very first time I met Shyam Sundar Paliwal when he got first Nirmal Gram Panchayat Award in Rajasthan in 2007. It was pretty in...